“बेज़ुबान कब से मैं रहा……बेगुनाह सेहता मैं रहा,  बेज़ुबान कब से मैं रहा……बेगुनाह सेहता मैं रहा. मौजुदा सामाजिक परिस्थिती मे कुछ ऐसा ही हो रहा है ! भारत के पुरुषो के बारे मे! अब भारत पुरुषप्रधान देश नहि रहा!!! क्या…