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मॉडर्न रक्षाबंधन – भाई की बहन को राखी – Vaastav Foundation

मॉडर्न रक्षाबंधन – भाई की बहन को राखी

सुबह से रसोई में मीठा बनाने मे लगी हुई हूं, अब काम खत्म हुआ है. बचपन से आदत है, रक्षाबंधन का दिन तो घर मे बने घेवर के बिना अधूरा ही लगता है.

मैं: “गौरव नहा कर तैयार हुए के नहीं. निपूर जल्दी से आ जाओ, भईया के लिए राखी ले कर.”

आश्चर्यजनक, दोनो भाई बहन अपने अपने कमरों से राखी की थाली ले कर निकले. “ये क्या? निपूर का तो सही ही, गौरव तुम… तुम्हें तो निपूर के लिए गिफ्ट लाना था?”

“माँ, आजकल बराबरी का जमाना है. भाईयों को रक्षा की ज्यादा जरूरत है. हमारे कालेज में अभीषेक सर का अपनी गर्लफ्रैंड मिनाक्षी मैम से झगड़ा हो गया. अभिषेक सर ने शादी से मना कर दिया तो मिनाक्षी मैंम ने रेप की कंमपलेट कर दी. वो तो मैने जा कर प्रिंसिपल सर को सब कुछ बताया तो अभिषेक सर छूटे” निपूर बोली.

गौरव बोला “और तो और रात को जब मैं लेट आता हूं तो पुलिस बहुत शक करती है, कई प्रशन पूछती है, शराब का टैस्ट करती है. इसीलिए तो कई बार निपूर को साथ ले कर जाता हूं”

निपूर ने कहा “मैं एक और राखी ले कर आती हूं, पापा आप भी मुझे राखी बांध दो, मेरी सहेली स्वाति की भाभी ने तो ससुराल वालों को बदनाम कर के पैसे ऐंठने के लिए अपने ससूर पर ही रेप का केस लगा दिया था. ये तो स्वाति उस दिन अपने पापा के साथ शापिंग गई हुई थी, उसने वीडियो दिखाकर अपने पापा को बचा लिया.”

पति सौरभ बोले, “हमारे ऑफ़स में भी एक सहयोगी संगीता ने अपने बॉस अमोल पर सैक्सुअल हरासमेंट का झूठा आरोप लगा दिया था. वो तो भगवान का शुक्र है उस समय अमोल अपनी पत्नी के साथ एक रेस्टोरेंट में डिनर कर रहा था.”

“निपुर सही कहती है, अजी आप भी निपूर को राखी बांध दो” मैंने कहा.

सासू मां बोली “बराबरी तो पहले भी थी, परन्तु उसमे संघर्ष की जगह सहयोग था. भाई बहन की बराबरी तो अच्छी बात है, पर क्या हमारे समाज की लड़कियों का इतना नीचे गिरना, कानून का दूरूपयोग करना जायज है?”

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